"फेसबुक पे अब बही ऐसे लड़के लड़कियां मौजूद है, जिन्होंने वैलेंटाइन'स डे फिक्स किया है। फेसबुक पे ऐसी लड़की भी मौजूद है, जो लड़के के साथ सेटिंग कर रखा है, वैलेंटाइन'स डे दिवस। होटल में रूम भी बुक हो चुका है। और होटल के कमरे में उसे पता है कि वह अपना वुजूद उस लड़के को देगी, "ऐसा लड़का भी मौजूद है इस वक़्त फेसबुक पे जो वैलेंटाइन'स डे के दिन इसी मोके में अपने तीन चार क़तरे इस लड़की के वुजूद के ज़रिये निकाल देगा। और यु वह लड़की पूरी उम्र के लिए न केवल अपना कुंवारह पन गंवा देगी, बल्कि अपना, अपने भाई का, अपनी माँ का, और लोगों का, और बस इस बाप की इज्जत इस लड़के के नक्शेकदम रख देगी जिस पिता ने ना दिन देखा ना रात, ना सुबह देखी ना शाम, ना धुप देखी ना छांव, ना भुख देखी न प्यास, ना बारिश देखी ना तूफान, ना बीमारी देखी ना सेहत, इस लड़की को उसे पिता का आदर करने भरपूर खड़ा शमला पगड़ी इस बेगैरत के नक्शेकदम रख देगी, और वो लड़का उस लड़की को सब कुच्छ समेट कर चला जायेगा। और यूं एक और साल। एक और शिकार। एक और वैलेंटाइन'स डे। एक और होटल। एक और पिता भाई की कमर तोड़ देंगे।
होटल के अंदर आप और वह लड़का जब बेगैरती करते है, या होटल के बाहर कही भी, जहां आप दोनों ने जगह तह किया हुआ होता हें। वहाँ एक कैमरा मेन खुशी से सब कुछ रिकॉर्ड करते हें। आप लड़की उसके लड़के की हवस के बाद, उसके दोस्तों को भी हवस भुझानी पड़ती है और इनकार के मामले में आपकी वीडियो अपलोड कर दी जाती है। मेरा लड़कियों से सवाल है, जब लड़के के साथ आप वैलेंटाइन'स डे पे जाएगे, तो ज़रा भी धियान नहीं आता अपने बाप का अपनी माँ का। में लास्ट बलेट किसी का भाई नहीं किसी का बेटा नहीं इन रिश्तों से महरूम व्यक्ति हूँ, लेकिन मैं उनके तकद्दुस से हरगिज़ महरूम नहीं हूँ। ये रिश्ते बहुत कीमती है, आपको पता है इन रिश्तों की कीमत क्या है? इन रिश्तों की कीमत नंगा होकर लड़के की कुछ कतरे निकालना कभी नहीं, मैं कहता हूँ उनकी कीमत यह रिश्ते कब छोड़े जाते हैं उनकी कीमत एक मौलवी चार पांच गवाह एक पैन एक काज़ है। आपके माता-पिता और लड़के के माता पिता की खुशी है। और तीनबार।। कुबूल है कुबूल कुबूल है ....!
इसके बाद आपका हर दिन वैलेंटाइन'स डे होगा। और मजे कि बात किसी से छुपना भी नहीं होगा। भरोसा कीजिए यह लेख बिल्कुल नंगे ढंग से नहीं लिखा हुवा। ना इसमें कोई गलत शब्द इस्तेमाल हुआ है। बल्कि वह काम बयान हुए हैं जो वैलेंटाइन'स डे को होते हैं। इसको शेर करे भी या ना भी करे, इससे भी मुझे फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मैंनें जो महसूस किया वह कह डाला। अब यह मैसेज किसी को पोंहचाय या नहीं,, मैंने आगाह करके अपना बोझ हलका कर दीया ।
-कमाल हुसैन