कुल 11लोग हैं जो फोन के जरिए भारतीय सेना की खुफिया सूचनाएं पाकिस्तान भेजते थे।और आतंकियों को फंड ट्रांसफ़र करते थे, इनकी गिरिफ्तारी प्रदेश के अलग-अलग शहरों भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और सतना से की गई है।एटीएस ने फिलहाल इन में से 6 आरोपियों को राजधानी की जिला अदालत में एसीजेएम सतीश चंद्र मालवीय की अदालत में पेश किया।अदालत ने आरोपी बलराम को 14 फरवरी तक वहीं अन्य आरोपियों को 12 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर एटीएस के सुपुर्द किया है।भोपाल में मध्यप्रदेश एटीएस के चीफ के अनुसार बलराम पाकिस्तान और जम्मू काश्मीर के आतंकवादियों को धन मुहैया कराता था और उसका सतना के हर बैंक में खाता है जिससे वह धन ट्रांसफर करता था। अब ये बतायें आपने यह खबर कहीं पढ़ी ? सुनी? देखी?पैनल डिस्कशन देखा ? नहीं देखा होगा।
यह है हमारे देश की दोग़ली मीडिया,जो देश की सुरक्षा से संबंधित घटनाओं को भी धर्म के आधार पर चयन करके दिखाती है।रोज रोज नाग नागिन,भूत प्रेत और भगोड़े फतेह को अपने स्टूडियो में नचाने वाले और खुद नाचने वाले दलाल मीडिया के लिए यह खबर महत्वपूर्ण नहीं है,भारत में बढ़ते आईएसआई की पहुँच मीडिया के लिए कोई खबर नहीं।अभी यह 11 लोग मुसलमान होते तो देखते देशभक्ति कैसे ऊबाल मार रही होती।यह है भारतीय मीडिया का ग्राफ़ और उसकी दोग़ली पॉलिसी,पर अफ़सोस की बात है कि जिस राज्य में ये 11 आतंकी पकड़े गये वहां के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान से इन आतंकियों के सरग़ना धुर्व सक्सेना के बड़े मज़बूत संबंध हैं,और वो बी.जे.पी की आईटी सेल का सरग़ना है,पर क्या शिवराज को भी ये पाकिस्तानी बिरयानी खाते हुए नहीं दिखा,अांख बंद कर ली होगी साहब ने,केंद्र में जो आना है तो संघ और आर.एस.एस.की नीति को मानना ही होगा,वैसे देखने की बात ये होगी कि अंडर ट्रायल 11 क़ैदियों का एनकाऊंटर करवाने वाले शिवराज चौहान क्या इन 11 पाकिस्तानी एजेंटों का भी एनकाऊंटर करवायेंगें? या इस देश में एनकाऊंटर सिर्फ़ मुसलमानों का ही होता है? ?????????
-मेहदी हसन एैनी