मक्का शहर दुनिया का सबसे बेहतर सबसे उत्तम और
सब से उन्नत शहर किसी भी मायने किसी भी नजरिये से देख लिया जाये।
चोरी - नहीं
हत्या - नहीं
बलात्कार - नहीं
शोषण. - नहीं
सम्पदा. - सबसे अधिक
विदेशी आवागमन - सर्वाधिक
किसी भी प्रकार का टैक्स - बिलकुल नहीं
पेट्रोलियम - फिल्टर पानी के भाव
चिकित्सा. - निशुल्क
बिजली. - निशुल्क
पानी. - निशुल्क
ईमानदारी ऐसी की कही ताले नहीं लगाये जाते।
उपभोग के साधन - दुनिया में सबसे बेहतर
Resources - VVIp~ level
Economy - Best
Infrastructue - Top Level
Import /EÛport & EÛpert Quality
Governance - Best Quality
Management - Human Interruptible
Law - Order - Best in Case
आखिर क्या कारण है की एक बंजर रेगिस्तान में बसा
शहर आज दुनिया में सबसे उन्नत है ये वो शहर ऐ जो हज करने का खर्च भी खुद देता और
ैमबनतपजल ।उवनदज भी वापस कर देता है ।
हिन्दूध्मस्लिम सभी लौग इस पर गौर करें..मैं बात कर रहा हूँ इस्लाम के आख़िरी नबी हजरत
मुहम्मद (स.अ.व.) की.
👍आप (स.अ.व.) ने औरतों के हक में उस वक़्त आवाज उठाई जिस दौर में बेटियों को
जिंदा दफना दिया जाता था और विधवाओं को जीने तक का अधिकार न था.
👍हाँ ये वही मुहम्मद (स.अ.व.) हैं जिन्होंने एक गरीब नीग्रो बिलाल (र.अ.) को
अपने गले से लगाया, अपने कंधों पर बैठाया, और इस्लाम का पहला आलिम मुक़र्रर किया.
👍वही मुहम्मद (स.अ.व.) जिन्होंने कहा की मजदूर का मेहनताना उसका पसीना सूखने से
पहले अदा करो, मजदूर पर उसकी ताक़त से ज्यादा बोझ न डालो, यहाँ तक की काम में मजदूर का हाथ बटाओ.
👍वही मुहम्मद (स.अ.व.)
जिन्होंने कहा की अगर किसी गैर मुस्लिम पर किसी
ने जुल्म किया तो अल्लाह की अदालत में वो खुद उस गैर मुस्लिम की वक़ालत करेंगे.
👍वही मुहम्मद (स.अ.व.) जिन्होंने अपने ऊपर कूड़ा फेंकने वाली बुजुर्ग औरत का
जवाब हमेशा मुस्कुरा कर दिया और उसके बीमार हो जाने पर ख़ुद खैरियत पूछने जाते
हैं.
👍हाँ वही मुहम्मद (स.अ.व.) जिन्होंने कहा की दूसरे मजहब का मजाक न बनाओ.
👍वही मुहम्मद (स.अ.व.) जिन्होंने जंग के भी आदाब तय किये की सिर्फ अपने बचाव में ही हथियार उठाओ. बच्चे, बूढों और औरतों पर
हमला न करो बल्कि पहले उन्हें किसी महफूज जगह पहुँचा दो. यहाँ तक की
पेड़ पौधों को भी नुकसान ना पहुचाने की हिदायत दी.
उसी अजीमुश्शान शख्सिअत के बारे में लिखते लिखते
कलम थक जायगी मगर उसकी शान कभी कम न होगी. उन पर हमारी जान कुर्बान. सभी धर्म के भाइयों को बताना चाहुंगा कि अगर कोई
इन्सान गलती करता हे तो वो इन्सान बुरा होता है उसका धर्ध्म/जहब नही. 21 वीं सदी मे बहुत ऐसे लोग हैं जो दुनिया मे इतना
मग्न हो गये है कि जिनको खुद इस्लाम की नोलैज नही हे तो बो बच्चो को क्या इस्लाम
के बारे मै बताऐंगे. याद रखो... इस्लाम 100ः पाक ओर साफ मजहब हे. किसी के कहने सुनने पर इसे बुरा ना कहो और अब भी अगर
आपके दिमाग मे इस्लाम को लेकर कोई गलतफैमी है तो आप खुद मुहम्मद (स.अ.व.) की जीवनी
(लाइफ हिस्ट्री) पड़कर देखें... आपको जर्रा (पौइंट) बराबर भी गलती
नजर नही आयेगी..!!! अगर कोई मुस्लिम गलतीध्बत्तमीजी करता दिखे तो आप
उससे सिर्फ इतना बौलना की क्या नबी मुहम्मद (स.अ.व.) ने आपको यही सिखाया है? तुमको नबी का जरा भी डर नहीं.?
सच्चा मुसलमान होगा तो शर्म से पानी पानी होकर
तौबा कर लेगा.