अहमदाबाद। गुजरात उच्च न्यायालय ने गिर सोमनाथ जिले के उना कस्बे में दलितों को पीटने के मामले में संलिप्तता पर गिरफ्तार दो पुलिसकर्मियों सहित चार आरोपियों की जमानत मंजूर कर ली है।
न्यायाधीश एजे देसाई ने शांतिभाई मनपारा, नितिन कोठारी, उना के निलंबित पुलिस निरीक्षक निर्मलसिंह जाला और उपनिरीक्षक नरेंद्र देव पांडेय को जमानत दी। मनपारा सनातन गौ सेवा ट्रस्ट के न्यासी हैं और कोठारी ट्रस्ट से जुड़े हैं और उन्हेांने दलितों की से पिटाई की थी।
दलीलों के दौरान मनपारा और कोठारी के वकील विराट पोपट ने दलील दी कि दोनों को जमानत दी जानी चाहिए। इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है और आरोपपत्र सितंबर में दायर किया गया था।
राज्य सरकार ने चारों आरोपियों की जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि उनके द्वारा किए गए अपराध गंभीर प्रकृति के हैं। गुजरात सरकार ने यह भी दलील दी कि अगर आरोपियों को जमानत दी गई तो वे पीडि़तों को धमका सकते हैं।
गौरतलब है कि उना में चार दलित युवकों ने गोरक्षा के नाम पर बेरहमी से पीटा था। इतना ही नहीं इन्हें थाने के सामने भी पीटा गया। इस मुद्दे को मायावती द्वारा राज्यसभा में उठाया गया था। इस घटना ने गुजरात सहित देशभर में दलित आंदोलन का दौर शुरू किया। (नेशनल दस्तक से साभार)