मिन्हाज अंसारी के हात्या पर सोशल मीडिया पर बहस
अली सोहराब लिखते है
झारखण्ड जामताड़ा का sp का कहना है कि
#मिनहाज_अंसारी की मौत बीमारी से हुई,
कौन सी बीमारी उसका नाम नहीं बताएंगें
यह कौन की बिमारी है
जिस में हाथ, पैर, छाती की हड्डी टूट जाती है।
SP साहब एकदम सत्य बोल रहे हैं
शायद मिनहाज को #अख़लाक़ वाली बीमारी थी
घटना ईन्सानियत को शर्मसार करने वाली और दुखद है
मगर
उससे बड़ी बात है कि मुसलमानों पर इसका कोई असर नहीं
क्यूंकि हमारी कोइ तंजीम ही नहीं
हमारे रहनुमा मुलायम नितीश हैं वो भी खुश होंगे
क्यूंकि उनकी राजनीती इन्ही घटनाओं से चलती है
संघ का डर मुसलमान पर इतना बढ़ जाए कि
ये संघ के डर से हमें वोट दें
और इनकी तंजीम न बन सके
अगर कोशिश हो तो हम मुसलमान को संघ का डर दिखा कर कह सकें
कि ये मुस्लिम वोट काटेगा
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जब मुस्लिम संघ से डरता रहेगा
वोटबैंक कहलाने की ज़िल्लत झेलता रहेगा
संघ का ताकतवर रहना मुलायम नितीश माया सोनिया के लिए ज़रूरी
Pushpendra Chaudhari Rewa लिखते है
कोई पुलिस वाला मदरचोद RSS इस तरह करता है तो उसके भाई का फर्ज बनता है कि पुलिस वाले के गर्दन काट लि जाये मदरचोद की क्यो की व्यक्ति अगर अपराधी है तो उसे कोर्ट सजा देगी न की पुलिय
फहद सईद, वरिष्ठ पत्रकार लिखते है
पुलिस हिरासत में इसको पीट- पीट कर मार दिया गया। बीफ के साथ मिन्हाज की तस्वीर सोशल मीडिया में सर्कूलेट हो रही थी। इस बिनाह पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। पुलिस कस्टडी में उसे इस हद तक मारा गया कि उसे अपने बेगुनाही साबित करने तक मौका नहीं मिला। 7 अक्टूबर मिन्हाज की मौत हो गई। मिनहाज अंसारी के चाचा कादिर मियां कहते हैं इसकी गारंटी कौन लेगा कि जिस मांस को बीफ़ मानकर पुलिस ने मिनहाज को गिरफ्तार किया वह आख़िर बीफ़ है भी या नहीं । क्या मिन्हाज ने इतना बड़ा जुर्म किया था कि उसे अदालत से सजा देने का हक भी पुलिस ने उससे छीन लिया।
22 साल का मिनहाज खामोशी के साथ इस दुनिया से चला गया। अख्लाक की तरह न्यूज चैनलों में इसके लिए बहस नहीं खड़ी की गई। किसी ने अवार्ड नहीं लौटाया। किसी नेता ने राज्यसभा में आवाज नहीं उठाई। किसी ने प्राइम टाइम नहीं किया। कौम का ठेकेदारों का खून भी उबाल नहीं मारा। ऐसा लगता है मानों हमने गाय की रक्षा नाम पर मुस्लिमों की हत्या को स्वीकृति दे दी है।
महफूज़ खान रिज्वी इंसानियत, इंसाफ, संवेदना की बात वो भी कातिल के राज़ में मुमकिन ही नहीं हैं, भड़वा तंत्र ने अपनी पूरी ताक़त लगा रखी हैं मुस्लिम मुक्त भारत की लेकिन इनके बाप गोडसे का ये सपना कभी पूरा नहीं होगा, हम किरायेदार नहीं मालिक हैं, अगर ईत्तेहाद करके दलितों के जैसे रोड पर आ जायें एक बार तो इन कुत्तों को औकात पता चल जायें, लेकिन अफसोस मुसलमान वो रवेड बन चुका हैं जिसको हाँकने वाला कोई काबिल गड़रिया नहीं हैं
पोस्टमार्टम रिपोर्ट
जामताड़ा (झारखंड): व्हॉट्सएप पर बीफ से जुड़ी आपत्तिजनक टिप्पणियां कथित रूप से भेजने के मामले में मिनहाज़ अंसारी की रविवार को पुलिस हिरासत में मौत के मामले में पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आ गई है। मिनहाज अंसारी हत्याकांड की पोस्टमार्टम रिपोर्ट कहती है कि उनकी मौत अंदरूनी चोट से हुई है। रिपोर्ट पुलिस के उस दावे को झुठलाती है जिसमें मौत की वजह इंस्फ्लाइटिस बताई गयी थी।
जामतारा जिले में रहने वाले के मिनहाज़ की पुलिस हिरासत में 2 अक्टूबर को तबियत बिगड़ गई थी जिसके बाद उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत में कोई सुधार न होने के बाद उसे धनबाद ले जाया गया और अंत में 9 अक्टूबर को रांची के रिम्स में उसकी मौत हो गई।
पोस्टमार्टम में शरीर के कई हिस्सों में अंदरुनी चोट का खुलासा हुआ है लेकिन ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे ये पुष्टि हो की उसकी मौत इंस्फ्लाइटिसर से हुई हो। हालांकि जामताड़ा क्षेत्र के स्थानीय पुलिस दावा के मुताबिक मिनहाज को इंसइंस्फ्लाइटिस था । लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट स्थानीय पुलिस के दावों की पोल खोल रही है।
आपको बता दे मिन्हाज के पुलिस कस्टडी में मिन्हाज अंसारी 22वर्ष की पिटाई बेरहमी से की गयी थी, जिससे मिन्हाज की तबीयत काफी बिगड़ गयी।
अब स्थानीय जमतारा पुलिस के उस दावे की जांच जारी है जिसमें उसने मिनहाज़ के इनसिफेलाइटिस की बीमारी से पीड़ित होने की बात कही थी। मिन्हाज के पोस्टमार्टम रिपोर्ट स्थानीय पुलिस के अपराध के खिलाफ सबूत के तौर पर रख दिया गया है जिसे आगे की जांच के लिए भेजा जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही पुलिस के दावे की सत्यता की जांच हो सकती है