विश्व प्रसिद्द इस्लामिक प्रचारक डॉटर जाकिर नाईक के खिलाफ एक हाफ्ते से भारतीय इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया द्वारा बंगलादेश के आतंकवादी डॉक्टर जाकिर नाईक से प्रेरित होकर आतंकवादी होने की खबरों का सिलसिला चलाया गया. जब की कोई भी गुनाहगार हो उसको जबतक माँ. न्यायालय द्वारा जबतक मुजरिम करार नहीं दिया जाता किसी को भी यह अधिकार नहीं है के मुजरिम करार दे सके. इसके बावजूद बांग्लादेश के एक अखबार द्वारा प्रकाशित खबर का हवाला देकर भारतीय मीडिया द्वारा जाकिर नाईक केखिलाफ मीडिया ट्रायल चलाया गया जबकि उक्त बांग्लादेशी अखबार ने ऐसी कोई खबर प्रकाशित करने का खंडन किया और जाकिर नाईक से माफ़ी भी मांगी. हालांकि किसी भी घटना से जाकिर नाईक का कोइ सम्बन्ध नहीं होने का दावा लाखो भारतीय नागरिको बुद्धिजीवियों के साथ साथ कई देशो के दिग्गजों ने किया था. मीडिया द्वारा चलाये गए मुस्लिम विरोधी अभियान के बाद महाराष्ट्र की खुफिया एजंसी ने नाईक द्वारा दिए गए सभी भाषणों की जांच कर नाईक को क्लीन चित दे दी है.
इस बात से सोशल मीडिया पर भारतीय मीडिया द्वारा मुस्लिम विरोधी अभियान का कडा विरोध जताया जा रहा है. और डॉक्टर जाकिर नाईक से माफ़ी मांगने की मांग तेजी से बढ़ रही है. मीडिया ट्रायल एक मुस्लिम धर्म प्रचारक जो विश्व के 200 देशो में हजारो कार्यक्रमों एवं पिस टीवी द्वारा इस्लाम के प्रचार करने वाले विश्व प्रसिद्द विद्वान की मानहानि की गयी है. जो कार्य इस्लाम के विरुद्ध है ऐसी घिनौनी घटना से डॉक्टर जाकिर नाईक का नाम जोड़ा गया था. आज डॉटर जाकिर नाईक के साथ इस तरह का बर्ताव मीडिया द्वारा किया गया कल किसी भी मुस्लिम धर्मगुरु के साथ किया जा सकता है. इस बात को लेकर मुसलमानों के साथ-साथ कई गैरमुस्लिम सेकुलर लोगो की और से मांग की जा रही है. और कई लोगो ने डॉटर जाकिर नाईक को सुझाव दिए है की, जी मीडिया वालो ने उनके खिलाफ अभियान चलाया उनपर वह मानहानि का दावा करे. ताकि किसी भी धर्म के धर्मगुरूओ पर ऐसा इल्जाम लगाने से पहले मीडिया सोचे.
बहुजन विचारक दिलीप मंडल ने सोशल मीडिया पर यह बयान दिया था की भारत के बहुजन समाज पर हो रहे अन्याय एवं हाल ही में कांग्रेस द्वारा सरकार पर लगाए गए 45 हजार करोड़ के घोटाले को छुपाने के लिए वर्त्तमान सरकार ने डॉटर जाकिर नाईक को बलि का बकरा बनाया था.
– संपादक, अहेमद कुरेशी